शिव चर्चा | Shiv Charcha: शिव जी की पूजा

शिव चर्चा के संस्थापक श्री हरिंद्रनाथ जी है जिनका मनना है शिव जी की पूजा कही भी कभी भी और किसी तरह से भी किया जा सकता है बस भक्तों को उनका शिष्य बनना है और शिव जी की चर्चा करके उनके अपार शक्ति का प्रचार – प्रसार करना है।

शिव जी की भजन इस धरती पर सभी लोग करते हैं लेकिन सभी लोगों की अपनी संस्कृति और पूजा करने का नियम होता है, इसी तरह भगवान शिव जी की पूजा करने का एक और संस्कृति के बारे में हम आप से चर्चा करेंगे जिसका नाम है – “Shiv Charchaजिसका उद्येश्य भगवान शिव को ही अपना गुरु बनाना क्युकी भगवान शिव ही इस समस्त संसार के ईश्वर हैं। 

गुरु भाई और गुरु बहना को क्या हो गया 
शिव चर्चा में आकर सब खो गया ।

गुरु भाई और गुरु बहना को क्या हो गया
धन दोलत की चाहत साब दूर होता जाता है ।

नमः शिवाय के जप से आपना दिल बहलाता है 
सारे  रिश्ते नाते सब बेगाना हो गया ।

गुरु सरन में सबका ठिकाना हो गया 
गुरु भाई और गुरु बहाना को क्या हो गया ।

एक दूजे के वास्ते अपनी जान लुटाते है 
हाथ के कगन देख के फुला नहीं समाते है ।

शिव गुरु के प्यार में खो गया 
दुश्मन भी अब दोस्त बांके रह गया ।

गुरु भाई और गुरु बहाना को क्या हो गया 
गुरु भाई और गुरु बहना को क्या हो गया ।

शिव चर्चा में आकर सब खो गया 
गुरु भाई और गुरु बहाना को क्या हो गया। 

भजन 

जाग जाग महादेव हो जगाद महादेव। 
मेरे गुरु महादेव महादेव महादेव। 
आदि देव महादेव , आदि गुरु महादेव ।
जगत गुरु महादेव , सद गुरु महादेव । 
आदि शक्ति महादेव , मेरे गुरु महादेव ।
 —जाग – जाग महादेव ——–

वैद्यनाथ महादेव , विश्वनाथ महादेव,
भोले नाथ महादेव , अमर नाथ महादेव।
अधोवेश्वर महादेव , योग्र्श्वर महादेव ,
 —जाग – जाग महादेव ——–

ज्ञान दाता महादेव , दया सागर महादेव , 
तंत्र दाता महादेव , मन्त्र दाता महादेव। 
जीवन दाता महादेव , मेरे गुरु महादेव , 
— जाग – जाग महादेव —-

शात्र दाता महादेव , वर दाता महादेव 
भोग दाता महादेव , मोछ दाता महादेव। 
दया कर महादेव , कृपा कर महादेव ,
 —जाग – जाग महादेव ——–

आघर दानी महादेव , महादानी महादेव ,
घट – घट वासी महादेव , अविनाशी महादेव। 
दिन वन्धु महादेव , दिन दयाल महादेव ,
 —जाग – जाग महादेव ——–

शिव चर्चा करने की विधि निम्नलिखित प्रकार से है

  • स्नान – सबसे पहले आप स्नान करके साफ कपड़े पहने। 
  • पूजास्थान – आप जिस स्थान पर पूजा करते हैं उस स्थान की सफाई कर ले। 
  • आसन – अब आप आसन लगाकर बैठ जाये। 
  • अर्पित करें – इससे जुड़े व्यक्ति ज्यादा सामानों को अर्पित नहीं करते बल्कि सुबह -शाम धूप और दीपक जलते हैं और रोली लगाते हैं। आप चाहे तो बेलपत्र और गंगजल से अभिषेक कर सकते हैं। 
  • प्रणाम – इसके बाद हरिंद्रनाथ जी के चरणों में, शिवगुरु  के चरणों में और सभी गुरु भाई -बहनों के चरणों में प्रणाम करना चाहिए। 
  • ध्यान मुद्रा – इसके बाद योगमुद्रा में बैठ कर ध्यान लगाते हैं। 
  • जाप – मन को एकाग्र करने के  बाद आप सिर्फ नमः शिवाय का जाप करें। 
  • प्रसाद – इसके बाद आप शिव जी को लाचिदाना और मूंगफली का भोग लगाए। 
  • आशीर्वाद – जाप खत्म करने के बाद आप भगवान से सुख शांति के लिए आशीर्वाद मांगे। 

इससे होने वाले लाभ कुछ इस प्रकार है।

  • मन की शांति – इसको करने से या शामिल होने से आपका मन शांत और सुख का अनुभव करता है। 
  • समस्या का समाधान – इसमें शामिल होने से या करने से आपके जीवन में  किसी भी प्रकार की समस्या हो या विपदा हो सब खत्म हो जाता है। 
  • नौकरी और व्यवसाय – इसे करने से नौकरी मिल जाती और व्यवसाय में उन्नति होती है। 
  • रोगों से मुक्ति – चर्चा करने से किसी भी प्रकार का रोग हो धीरे -धीरे बिमारियों से मुक्ति मिल जाती है। 
  • घर में बढ़ोतरी – शिव जी की कृपा से आप के घर में धन धान्य की बढ़ोतरी होती है। 

इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल।

शिव गुरु के तीन सूत्र क्या हैं ?

पहला – दया मांगना, दूसरा – चर्चा करना, तीसरा –नमः शिवाय से नमन करना ये तीन  सूत्र हैं। 

इसको कहाँ करना चाहिए ?

किस दिन करना चाहिए ?

शिव गुरु का  मतलब क्या है ?

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