शिव गायत्री मंत्र | Shiv Gayatri Mantra: ग्रहों से मुक्ति

शिव गायत्री मंत्र भगवान शिव जी को समर्पित किया गया एक प्रमुख शिव मंत्र है जो कि हमारे हिन्दू धर्म में पूजा और ध्यान के लिए प्रयोग किया जाता है। यह मंत्र भगवान शिव के गुणों और शक्तियों की प्रशंसा करता है और सभी भक्त को उनके आध्यात्मिक साधना में सहायता प्रदान करता है।

आप अपनी मनोकामना के लिए इस मंत्र का जाप करके भगवान शिव को जल्द ही प्रसन्न करके अपना इच्छित वरदान प्राप्त कर सकते हैं। Shiv gayatri mantra का जाप करने से पितृदोष, कालसर्प दोष तथा अन्य कष्ट देने वाले ग्रहों से मुक्ति पाते हैं। इस मंत्र को हमने आपके लिए नीचे लिखा है।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

शिव गायत्री मंत्र का जाप करने की विधि

  • स्नान – शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से पहले आप स्नान करके साफ कपड़े पहन ले। 
  • स्थान का चुनाव – स्नान के बाद आप  ऐसे स्थान का चुनाव करे जहां जाप करते समय कोई आपको असुविधा न हो और शिव जी की प्रतिमा आपके सामने हो। 
  • अर्पित करें – आप भगवान शिव को गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, मदर या आक का फूल, दूध, चंदन, रोली, अक्षत इत्यादि चढ़ाते हुए गायत्री मंत्र का जाप करें। 
  • दीपक – गाय के घी से दीपक जलाकर बैठ जाये और ध्यान शुरू करें। 
  • जाप – सच्ची श्रद्धा और विश्वास से मंत्र का जाप करें। 
  • आशीर्वाद – जाप खत्म करने के बाद आप अपने लिए भगवान से इच्छित आशीर्वाद मांगे। 

शिव गायत्री मंत्र के जाप करने के लाभ 

  • सुख शांति – जाप करने से जीवन में और घर में सुख शांति बनी रहती है। 
  • ग्रह दोष – मंत्र के जाप से ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। 
  • कालसर्प दोष – जाप से आप कालसर्प दोष से मुक्ति पते हैं। 
  • बीमारी से मुक्ति – जाप करने से आप जूझ रहे लम्बी बीमारी से धीरे -धीरे मुक्त होने लगते हैं। 
  • पारिवारिक क्लेश – घर में मंत्र का जाप करने से मन का दोष और पारिवारिक क्लेश खत्म हो जाते है। 
  • व्यवसाय और नौकरी – यदि आप अपने करियर के लिए मंत्र का जाप करते हैं तो भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न होकर सफलता प्रदान करते हैं। 
  • सकारात्मक ऊर्जा – मंत्र का जाप करने से आप प्रतिदिन सकारात्मक ऊर्जा से भरे रहते हैं और अपने कार्यों में पूरा ध्यान देते हैं। 

FAQ

शिव गायत्री मंत्र का जाप किसको करना चाहिए ?

जो भी व्यक्ति अपने जीवन में किसी भी तरह की परेशानी झेल रहा हो उन्हें मंत्र का जाप करना चाहिये।

इस मंत्र का जाप कब करना चाहिए ?

इस गायत्री मंत्र का जाप किस दिन करना चाहिए ?

इस मंत्र का उद्देश्य क्या है ?

यह मंत्र को कितने बार जपना चाहिए ?

क्या इसको महिलाएं भी जप सकती हैं ?

क्या जप केवल संन्यासी या साधुओं के लिए है?

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