शिव नमस्कार मंत्र | Shiv Namaskar Mantra: कृपा और आशीर्वाद

यह शिव नमस्कार मंत्र, हमारे हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित एक विशेष मंत्र है। यह मंत्र शिव भक्तों द्वारा उनके पूजा-अर्चना के समय किया जाता है। यह मंत्र उनकी शक्ति, कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का मार्ग प्रदान करता है।

इस मंत्र के उच्चारण से भक्त शिव की कृपा को प्राप्त करता है और उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आभास होता है। यह मंत्र भक्तो को उनके मार्गदर्शक, संरक्षक और करुणामय देवता शिव के संगठन और उनके साथ संवाद का एक माध्यम है।

॥ शिवनमस्कार ॥

ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय
हिरण्यपतये अंबिकापतये उमापतये पशूपतये नमो नमः॥१॥

नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंंकराय च।
मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च॥1॥

ईशानः सर्वविद्यानामीश्वरः सर्वभूतानां
ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपतिर्ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम् ॥3॥

तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात्
महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात् ॥4॥

अघोरेभ्योऽथ घोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः
सर्वशर्वेभ्यो नमस्तेऽस्तु रुद्ररूपेभ्यः ॥5॥

वामदेवाय नमो ज्येष्ठाय नमः श्रेष्ठाय नमो रुद्राय
नमः कालाय नमः कलविकरणाय नमो बलविकरणाय
नमो बलाय नमो बलप्रमथनाय नमः सर्वभूतदमनाय नमो
मनोन्मनाय नमः ॥6॥

सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः।
भवे भवे नातिभवे भवस्व मां भवोद्भवाय नमः॥7॥

नमः सायं नमः प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा।
भवाय च शर्वाय चोभाभ्यामकरं नमः॥8॥

यस्य निःश्वसितं वेदा यो वेदेभ्योऽखिलं जगत्।
निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम् ॥9॥

त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥10॥

सर्वो वै रुद्रस्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु।
पुरुषो वै रुद्रः सन्महो नमो नमः।
विश्वं भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायमानं च यत्।
सर्वो ह्येष रुद्रस्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु ॥11॥

नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय
महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय
त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी रुद्राय
नीलकंठाय मृत्युंजयाय सर्वेश्वराय
सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः ॥12॥

शिव नमस्कार मंत्र को करने की विधि के विवरण

  1. साफ़ – सफाई : स्नान करें और शुद्ध और साफ़ कपड़े पहनें।
  2. पूजा स्थल: पूजा स्थल को साफ़ करें और शिवलिंग को सजाएं।
  3. जप: माला को हाथ में लें और मंत्र की ध्वनि के साथ जप करें। “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ नमो भगवते रुद्राय” का 108 बार जप करें।
  4. जप के बाद: शिवलिंग को जल और दूध से स्नान कराएं और पुष्प, धूप, दीप आदि समर्पित करें।
  5. अंत में: शिव को प्रणाम करें और उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
  6. प्रसाद वितरण: पूजा समाप्त करने के बाद, प्रसाद बाँटें।

इससे होने वाले लाभ

  • आत्मशांति: शिव नमस्कार मंत्र करने से मानसिक चिंता और अशांति कम होती है और आत्मशांति का अनुभव होता है।
  • आध्यात्मिक विकास: यह मंत्र आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है और भक्तो को अपने आंतरिक स्वरूप का अनुभव करने में मदद करता है।
  • कष्टों का निवारण: इस मंत्र का उच्चारण करने से कष्टों और संघर्षों का समाधान होता है और व्यक्ति को शक्ति और साहस मिलता है।
  • समृद्धि का संदेश: इस मंत्र का प्रयोग करने से भक्तो के जीवन में समृद्धि और उन्नति की संदेश मिलती है।
  • आर्थिक सुख: मंत्र का उच्चारण करने से भक्तों को आर्थिक सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
  • भक्ति और श्रद्धा का विकास: मंत्र के उच्चारण से व्यक्ति की भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है।
  • रोगनिवारण: यह मंत्र रोगों को निवारण करने में सहायक होता है और व्यक्ति को स्वस्थ बनाता है।
  • परिवार के लिए शुभ वातावरण: शिव जी के नमस्कार मंत्र जाप करने से परिवार के सभी सदस्यों के बीच शुभ वातावरण बनता है और वास्तविक आनंद मिलता है।
  • मानवता में योगदान: यह मंत्र मानवता में योगदान करता है और भक्तों को दया और समर्पण की भावना सिखाता है।

इस तरह उपरोक्त विधि को अपना कर आप इससे होने वाले लाभ को प्राप्त कर सकते है। ये सभी भक्तो के द्वारा बताया गया है आपको अपने कर्म के अनुसार लाभ प्राप्त होंगे और साथ ही साथ शिव जी के अनेक मंत्रो का पाठ कर सकते है जैसे – Shiv puja mantra, Shiv shabar mantra, Shiv rudra mantra इत्यादि।

FAQ

क्या इस मंत्र को किसी विशेष समय या विधि में ही उच्चारित किया जा सकता है?

नहीं, मंत्र को किसी भी समय और किसी भी स्थिति में उच्चारित किया जा सकता है।

क्या इस मंत्र का उच्चारण केवल शिव पूजा के समय में किया जा सकता है?

क्या मंत्र का उच्चारण किसी विशेष आसन में किया जाना चाहिए?

क्या इस मंत्र को रोजाना उच्चारित करना चाहिए?

क्या शिव नमस्कार मंत्र का उच्चारण केवल पंडित या ब्राह्मण कर सकता है?

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